Atrology ; भारतीय संस्कृति व समाज में कीमती धातु सोने का काफी महत्व है, अधिकांश महिलाओं को सोने के आभूषण ज्यादा पसंत होते है, लेकिन ज्योतिष शास्त्र (jyotish shastra) में सोने से ज्यादा महत्व हीरे (Diamond) के दिया जाता है, क्योंकि यह न सिर्फ महंगा व कीमती होता है बल्कि इसका संबंध शुक्र ग्रह से होता है जिस कारण आपको धन, वैभव, यश, मान-सम्मान और जीवन में भौतिक सुख-सुविधा और विलासिता मिलती है। लेकिन हीरा काफी महंगा रत्न होता है जिसे हर कोई व्यक्ति आसानी से नहीं खरीद पाता है, और इसकी गुणवत्ता भी काफी मायने रखती है। अगर आप हीरा न खरीद पाए तो इसके स्थान पर जरकन, फिरोजा, ओपल, सिम्मा, कुरंगी, दतला, कंसला और तंकू हीरा जैसे रत्न भी धारण कर सकता है, यह सभी हीरे के उपरत्न हैं और हीरे के समान ही फल देते हैं। वृषभ तथा तुला राशि के जातकों के लिए हीरा और उसके उपरत्न काफी फायदेमंद होते है।
- बेदाग एवं स्वच्छ हीरा शुक्र की पीड़ा को भी शांत करता है। रत्न ज्योतिष (Atrology) के अनुसार, हीरा जितना अधिक भारी होगा, उतना ही वो लाभकारी भी होगा।
- हीरे को अंगूठी या हार के रूप में पहना जाता है। ज्योतिषीय (Astrological) प्रभाव के लिए हीरा अंगूठी में जड़वाकर शुक्रवार के दिन पहनना चाहिए।
-व्यापार, फिल्म उद्योग तथा कला क्षेत्र में कार्य करने वाले लोगों को राशि (zodiac) अनुसार हीरा धारण करना चाहिए जिससे उन्हें अपेक्षित सफलता मिलती है।
-हीरा (diamond) धारण करने से संबंधों में मधुरता आती है, विशेषकर प्रेम संबंधों को हीरा बढ़ाता है। शिक्षा संबंधित परेशानी हो या विवाह में रुकावट आ रही हो तो हीरा धारण करना लाभकारी साबित हो सकता है।
आपको शायद यह पता न हो कि जरकन कोई प्राकृतिक रत्न नहीं है। यह तैयार किया जाता है। एक बात और इसी को अमेरिकन डायमंड भी कहा जाता है। ज्योतिष Astrology) के कुछ जानकार इसे प्रभावों को लेकर एकमत नहीं है।
कैसे धारण करें हीरा (diamond)
यदि आप हीरा धारण करना उसका शुभ और सकारात्मक प्रभाव जीवन में चाहते हैं तो आप 0.50 से 3 कैरेट तक के हीरे को चाँदी, सोने की अंगूठी में पहन सकते हैं।
धारण करने की विधि
किसी भी रत्न को धारण करने से पहले उसे जाग्रत करना होता है या ये कहे कि उसे शुद्ध करना होता है इसलिए किसी भी शुक्लपक्ष के शुक्रवार से एक रात पहले हीरे की अंगूठी दूध, गंगा जल, शक्कर और शहद के घोल में डाल दे। और सुबह सूर्योदय के पश्चात पांच अगरबत्ती शुक्रदेव के नाम जलाये और प्रार्थना करे की हे शुक्र देव मै आपका आशीर्वाद प्राप्त करने के लिए आपका प्रतिनिधि रत्न,हीरा धारण कर रहा हूँ , कृपया करके मुझे आशीर्वाद प्रदान करे।
मां लक्ष्मी का आशीर्वाद लें
-तत्पश्चात अंगूठी को निकाल कर ॐ शं शुक्राय नम: का 108 बारी जप करते हुए अंगूठी को अगरबत्ती के उपर से घुमाए फिर मंत्र के बाद अंगूठी को लक्ष्मी जी के चरणों से लगाकर कनिष्टिका या मध्यमा ऊँगली में धारण करे।
- हीरा अपना प्रभाव 25 दिन में देना आरम्भ कर देता है, और लगभग 7 वर्ष तक पूर्ण प्रभाव देता है फिर निष्क्रिय हो जाता है! 7 वर्ष के पश्चात् पुन: नया हीरा धारण करें।
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