Astrology : जब किसी व्यक्ति को तंत्र-मंत्र आदि द्वारा अदृश्य रूप से बांध दिया जाता है तो उस व्यक्ति के घर, परिवार, व्यापार, स्वास्थ्य और रिश्तों में अचानक परेशानिया आना शुरू हो जाती है, अच्छी होती तरक्की अचनाक रूक जाती है, साथ ही साथ व्यक्ति बेवजह परेशान होने लगता है। उसे ऐसा लगता है कि उसकी प्रगति रुक गई है और घर-परिवार संकटों से घिर गया है। गृहकलह, व्यापार नुकसान, तालेबंदी, नौकरी का छुट जाना आदि ऐसा कई संकट हो सकते हैं।
बहुत से लोग खुद को बंधा-बंधा महसूस करते हैं। कुछ लोग किसी के दाबव में रहते हैं और कुछ किसी के प्रभाव में। कुछ लोगों को ऐसा लगता है कि इतना कर्म करने के बाद भी कोई परिणाम नहीं मिल रहा है। उन्हें ऐसा लगता है कि जैसे किसी ने प्रगति को बांध रखा है। कहीं से भी कोई रास्ता नजर नहीं आता। ऐसे स्थिति के लिए हम लाए हैं आपके लिए बंधन मुक्त करने के 10 टोटके।
आर्थिक बंधन और कर्ज मुक्ति के लिए उपाय (remedy)
पक्षियों को करें मुक्त : यदि आप आर्थिक रूप से परेशान हैं तो यह बहुत ही सामान्य और असरदार टोटका है, पिंजरे में आप किसी पक्षी को ले जाते हुए देखें या कोई पक्षी पिंजरे में है तो आप उन पक्षियों को लेकर उन्हें आजाद कर दें। इस कार्य से आपके ऊपर कैसा भी कर्ज हो आप उससे मुक्त हो जाएंगे। लेकिन यदि आपने अपने घर में किसी पक्षी को पिंजरे में रख रखा है तो आप आज नहीं तो कल कभी भी भयंकर कर्ज के बोझ तले दब जाएंगे।
एकादशी और प्रदोष का व्रत रखें : हमेशा ध्यान रखें कि तेरस, चौदस, अमावस्य और पूर्णिमा के दिन अच्छे नहीं होते। सभी ग्रहों के बुरे प्रभाव को रोकने के लिए एकादशी और प्रदोष (त्रयोदशी) का व्रत सबसे उत्तमफलदायी है।
हिन्दू धर्म में एकादशी और प्रदोष का व्रत रखने के पीछे का विज्ञान यह कि यह आपके राहु, चंद्र और शनि के खराब असर को बेअसर कर शुभ में बदल देता है। प्रत्येक पक्ष (शुक्ल और कृष्ण पक्ष) के ग्यारस और त्रयोदशी को विधिपूर्वक व्रत रखेंगे तो निश्चित ही आपके उपर का बंधन धीरे-धीरे समाप्त होने लगेगा।
हनुमान चालीसा का पाठ करें
प्रतिदिन हनुमान चालीसा का पाठ करें। मंगलवार या शनिवार को हनुमानजी के मंदिर में जाकर उनकी पूजा करें और उनको कम से कम पांच बार चौला चढ़ाएं। बंधन मुक्ति का सबसे उत्तम उपाय (remedy) हनुमानजी की भक्ति है। हनुमानजी के भक्त बने रहेंगे तो कभी भी जीवन में बंधन महसूस नहीं करेंगे।
कुल देवी या देवता को मनाएं :
आजकल के परिवार को अपने कुल देवता और कुल देवी के स्थान के बारे में कोई जानकारी नहीं है। कुलदेवी या कुल देवता के स्थान से आपके पूर्वजों का पता लगता है। कुल देवी या देवता के स्थान पर जाकर एक साबूत नींबू लें और उसको अपने ऊपर से 21 बार वार कर उसे दो भागों में काटकर एक भाग को दूसरे भाग की दिशा में और दूसरे भाग को पहले भाग की दिशा में फेंक दें। इसके बाद कुलदेवी या देवता से क्षमा मांग कर वहां अच्छे से पूजा पाठ करें या करवाएं और सभी को दान-दक्षिणा दें।
व्यक्तिगत बाधा :
व्यक्तिगत बाधा के लिए एक मुट्ठी पिसा हुआ नमक लेकर शाम को अपने सिर के ऊपर से तीन बार उतार लें और उसे दरवाजे के बाहर फेंकें। ऐसा तीन दिन लगातार करें। यदि आराम न मिले तो नमक को सिर के ऊपर वार कर शौचालय में डालकर फ्लश चला दें। निश्चित रूप से लाभ मिलेगा।
फलदान करना होगा शुभ
पांच या सात तरह के फल लें और उनको लेकर मंदिर में रख आएं। भगवान से अपनी सहायता और बंधन मुक्त करने की प्रार्थना करें। ऐसा पांच मंगलवार या गुरुवार को करेंगे तो बंधन से मुक्ति हो जाएंगे।
श्मसान से लौटते वक्त फेंके सिक्का
जब कभी भी श्मशान में जाने का मौका लगे तब आते वक्त कुछ सिक्के पीछे फेंकते हुए आएं। ध्यान रखें कि फेंकते वक्त या फेंकने के बाद मुड़कर पीछे न देखें। इससे आपको देवीय सहायता मिलने लगेगी और आप बंधन मुक्त हो जाएंगे।
काला जादू (Black magic) का असर होगा समाप्त
आपको लगता है कि किसी ने काला जादू (Black magic) कर रखा है या घर की प्रगति को बांध रखा है तो इस उपाय (remedy) से उसका असर खत्म हो जाएगा। आप अपने घर में या घर के बाहर सफेद आंकड़ा (श्वेत अर्क) का पौधा लगाए ये एक चमत्कारीक पौधा है इससे काले जादू टोने-टोटके का असर खत्म हो जाएगा।
लक्ष्मी बंधन होगा खत्म
माता कालीका को प्रतिदिन लकड़ी वाली (बांस वाली नहीं) दो अगरबत्ती लगाएं या एक धूपबत्ती लगाएं। प्रत्येक शुक्रवार को काली के मंदिर में जाकर पूजा करें।
बंधन मुक्ति कवच :
कभी मनुष्य एकाएक इतनी परेशानियों या तकलीफों में फंस जाता है कि कुछ समझ ही नहीं आता। कई बार इसका कारण होता है कि जातक भूत-प्रेत अथवा नजर, हाय या किसी दुष्ट आत्मा के जाल में फंस जाता है। ऐसी विकट स्थिति में ज्योतिषीय सामग्रियों के धारण या पूजन से अवश्य लाभ मिलता है। बाधामुक्ति कवच बुरी नजर से बचाव करता है। तंत्र-मंत्र-जादू, टोने के दुष्प्रभाव को काटता है व शनि दोष, साढ़ेसाती, ढैय्या की अवधि में विशेष रूप से शुभ रहता है। इसके चमत्कारिक प्रभाव से मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य में वृद्धि होती है तथा सकारात्मक ऊर्जा का संचार धारक को आशा और उन्नति की ओर लेकर जाता है।
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