नौ ग्रहों में सबसे खतरनाक, गुस्सैल और क्रूर ग्रह शनि को माना जाता है, लेकिन शास्त्रों अनुसार ऐसा नहीं है, शनि देव दंडाधिकारी और न्याय देवता हैं वे केवल आपके कर्मों का फल ही आप तक पहुंचाते हैं। जीवन में किसी भी प्रकार से हुई गलती की सजा तो मिलना निश्चित है। ऐसा नहीं है कि शनि देव हमेशा लोगों के जीवन में कष्ट लेकर आते है कुंडली (kundali) में शनि की स्थिति दर्शाती है कि कैसा फल मिलेगा। यदि किसी की कुंडली (kundali) में यह ग्रह गलत भाव में होता है, तो उसके कष्टों की कोई सीमा नहीं होती है। मगर अच्छे भाव में इनकी मौजूदगी व्यक्ति को हर सुख और वैभव से संपन्न भी बना देती है।
कोई व्यक्ति शनि की ढैया या साढ़ेसाती से ग्रसित या फिर कुंडली (kundali) में शनि के अशुभ प्रभाव के कारण किसी रोग से पीड़ित है तो कुछ ऐसे उपाए है जिन्हें आजमाने से शनि से मिलने वाले कष्टों में कमी होगी और शनि देव की कृपा प्राप्त होगी, तो आईए जानें ऐसे कुछ सरल और घरेलू उपाए (remedies)...
1. शनिदेव हनुमानजी की पूजा करने से शांत होते हैं। शनिवार को शनिदेव का व्रत और पूजा करें और शाम को हनुमान चालीसा का पाठ करें।
2. शनिवार को कौवों को काले गुलाब जामुन खिलाएं और शनि चालीसा का पाठ करें।
3. काले कुत्ते को मीठी रोटी में सरसों का तेल लगाकर शनिवार को खिलाएं, ऐसा करने से शनि देव प्रसन्न होंगे।
4. शनिवार के दिन एक कटोरी में सरसों का तेल डालकर उसमें अपना चेहरा देखें और वो तेल किसी जरूरतमंद को दान कर दें।
5. शनिवार को भोजन में लाल मिर्च का इस्तेमाल नहीं करना चाहिए, भोजन में काला नमक और काली मिर्च का प्रयोग करें।
6. शनिवार के दिन बंदरों को भुने हुए चने खिलाएं। शनि की अशुभ दशा चल रही हो तो मांस-मदिरा का सेवन न करें।
7. घर के किसी अंधेरे भाग में किसी लोहे की कटोरी में सरसों का तेल भरकर उसमें तांबे का सिक्का डालकर रखें।
8. शनि ढैया के शमन के लिए शुक्रवार की रात्रि में 8 सौ ग्राम काले तिल पानी में भिगो दें और शनिवार को प्रात: उन्हें पीसकर एवं गुड़ में मिलाकर 8 लड्डू बनाएं और किसी काले घोड़े को खिला दें। आठ शनिवार तक यह प्रयोग करें।
9. शनि के दुष्प्रभाव को दूर करने के लिए शनिवार के दिन काली गाय की सेवा करें।
10. प्रत्येक शनिवार को वट और पीपल वृक्ष के नीचे सूर्योदय से पूर्व सरसों के तेल का दीपक जलाकर शुद्ध कच्चा दूध एवं धूप अर्पित करें।
11. शनिवार को ही अपने हाथ के नाप का 29 हाथ लंबा काला धागा लेकर उसको मांझकर (बंटकर) माला कि तरह गले में पहनें।
12. यदि शनि की साढ़ेसाती से ग्रस्त हैं तो शनिवार को अंधेरा होने के बाद पीपल पर मीठा जल अर्पित कर सरसों के तेल का दीपक और अगरबत्ती लगाएं और वहीं बैठकर क्रमश: हनुमान, भेरव और शनि चालीसा का पाठ करें और पीपल की सात परिक्रमा करें।
13. स्फाटिक या पारद शिवलिंग पर नित्य गाय का कच्चा दुध चढ़ाए फिर शुद्ध जल चढ़ाऐं और ओम् नम: शिवाय मन्त्र का जाप करें।
14. घोड़े की नाल का छल्ला पहनना चाहिए। शनि की होरा मे जलपान नहीं करना चाहिए, साथ ही काले कपडेÞ नहीं पहनें।
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