बदलते मौसम के साथ कई बार घर में लोगों का बीमार होना सामान्य बात होती है, लेकिन कई बार घर बनाने व सजाने के दौरान भूलवस व जाने-अनजाने में होने वाली छोटी-छोटी गलतियों के कारण बीमारी घर को स्थायी निवास बना लेती है और हमारा उन गलतियों या कमी की ओर कभी ध्यान ही नहीं जाता। लेकिन वास्तु शास्त्र (vastu shastra) के अनुसार सही दिशा और सही कोण में वस्तुओं को न रखने की वजह से घर में रहने वाले लोग बेवजह बीमारियों से परेशान हो सकते हैं, घर से इन बीमारियों को बाहर करने के लिए बस आपको घर के वास्तु (vastu) में थोड़ा सा सकारात्मक बदलाव करने की आवश्यकता होती है यदि आप उन बदलावों के बारे में नहीं जानते है तो आज हम उनके बारे में आपको बतलाने जा रहे है जिन टिप्स को अपना कर आप अपने घर से बीमारियों को दूर कर सकते है... तो आईए जानते हैं...
घर के बीच में न रखें भारी फर्नीचर
यदि आपने घर के बीचोंबीच कोई भारी भरकम फर्नीचर रखा है तो इसे आज ही हटा दीजिए। वास्तुशास्त्र (vastu shastra) में इस जगह को ब्रह्मस्थान माना गया है और ब्रह्मस्थान को सदैव खाली रखना चाहिए।
जानें सीढ़ियों का सही स्थान
अगर आपके घर के बीच में सीढ़ियां हैं तो यह गलत है। ध्यान रहे कि सीढ़ियां घर के किसी किनारे या फिर किसी कोने से शुरू होनी चाहिए।
इस तत्व का असंतुलन बनाता है बीमार
घर में बीमारी की एक मुख्य वजह अग्नि तत्व में असंतुलन भी हो सकता है। यदि आपका घर दक्षिणमुखी है और इसी दिशा में ही घर का ढलान भी है और इसके साथ ही पानी का कोई स्रोत दक्षिण-पूर्व दिशा में है तो परिवार के सदस्य अक्सर बीमार बने रहेंगे। इस दोष से मुक्ति पाने के लिए आप दक्षिण दीवार पर स्थित सभी दरवाजों को बंद रखें। इसके साथ ही दरवाजे ऊंचे और लकड़ी के बने हों ताकि बाहर की सड़क न दिख सके।
आग्नेय कोण में रखें ये वस्तु
घर के आग्नेय कोण (दक्षिण-पूर्व) में रोजाना लाल रंग की मोमबत्ती जलाने से घर सदस्यों का स्वास्थ्यस सही बना रहता है। आग्नेय कोण में नहीं है रसोईघरयदि आपके यहां रसोईघर आग्नेय कोण में स्थित नहीं है तो घर में कमाने वाले सदस्य अक्सर बीमार रहेंगे। हमेशा रसोई आग्नेय कोण में ही बनवाएं।
भगवान का चित्र ऐसे लगाएं
घर में भगवान का चित्र ऐसे लगाएं कि उनका मुख दक्षिण दिशा की ओर रहे तो घर के सदस्य स्वस्थ और खुशहाल रहेंगे।
मरीज के कमरे में रखें ये वस्त
यदि आपके घर में कोई बीमार में है तो उसके कमरे में कुछ हफ्तों तक एक मोमबत्ती जलाकर रखें। वास्तु (vastu) में ऐसा करना शुभ माना जाता है।
यदि आपके घर के मुख्यद्वार या गेट के बाहर कोई गड्ढा हो तो उसे भर दें। क्योंकि ये घोर वास्तु दोष (vastu dosh) होता है। इससे घर के मुखिया का मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य प्रभावित होता है। याद रखें घर के मुख्यद्वार के सामने साफ-सफाई होना जरूरी है।
घर में यदि बार-बार लोग बीमार होते हों तो उनके सोने की दिशा का ध्यान दें। सोते समय परिवार के हर सदस्य का सिर दक्षिण दिशा की तरफ हो और पैर उत्तर दिशा की ओर होना चाहिए।
यदि आपके घर के सामने किसी प्रकार का आप पेड़ या खंभा हो तो उसे हटाने का प्रयास करें, क्योंकि ये गंभीर वास्तु दोष (vastu dosh) का कारण बनता है। यदि संभव न हो तो अपने मुख्यद्वार पर रोज रोली या हल्दी से स्वास्तिक बनाएं।
बीमार व्यक्ति के कमरे में यदि हमेशा पर्दे रहते हों या खिड़कियां बंद हो तो ये वास्तु दोष हो सकता है। इसलिए बेडरूम पूरी तरह से बंद नहीं रखें बल्कि उसे बीच-बीच में खोलते रहें। रोशनी और हवा आने दें।
यदि आपके बेडरूम में भगवान की तस्वीर लगी है तो उसे तुरंत हटा दें। कभी भी भूल के भी बेडरूम में भगवान की तस्वीर या मंदिर न रखें।
घर का मध्य भाग हमेशा खाली रखना चाहिए। इस भाग में यदि भारीपन हो तो इससे सकारात्मक ऊर्जा कम होती जाती है।
घर में यदि बीम हो तो इसके नीचे कभी नहीं बैठें या सोएं। बीम के नीचे नकारात्मक ऊर्जा का वास होता है इससे शरीर बीमार होता है।
हर पूर्णिमा को भगवान शिव परिवार की पूजा करें और अपने परिवार को निरोगी बनाने की प्रार्थना करें। घर की दक्षिण दिशा में हनुमान जी का चित्र जरूर लगाएं। यदि घर दक्षिण मुखी हो तो पंचमुखी हनुमान जी की तस्वीर मुख्यद्वार पर लगाएं।
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