* कुत्ते को रोज भोजन देने से जहां दुश्मनों का भय मिट जाता है वहीं व्यक्ति निडर हो जाता है।
* ज्योतिषी (astrologer) के अनुसार कुत्ता केतु (ketu) का प्रतीक है । कुत्ते की सेवा करने से या कुत्ता पालने से केतु का अशुभ प्रभाव समाप्त हो जाता है।
* कुत्ते के रोने और भौंकने को अपशकुन माना जाता है। कुत्ते के भौंकने के कई कारण होते हैं उसी तरह उसके रोने के भी कई कारण होते हैं, लेकिन अधिकतर लोग भौंकने या रोने का कारण नकारात्मक ही लेते हैं।
* यदि संतान की प्राप्ति नहीं हो रही हो तो काले कुत्ते को पालने से संतान की प्राप्ति होती है।
* अपशकुन शास्त्र के अनुसार श्वान का गृह के चारों ओर घूमते हुए क्रंदन करना अपशकुन या अद्भुत घटना कहा गया है और इसे इन्द्र से संबंधित भय माना गया है।
* सूत्र-ग्रंथों में भी श्वान को अपवित्र माना गया है। इसके दृष्टि व स्पर्श से भोजन अपवित्र हो जाता है। इस धारणा का कारण भी श्वान का यम से संबंधित होना है।
* शुभ कार्य के समय यदि कुत्ता मार्ग रोकता है तो विषमता तथा अनिश्चय प्रकट होते हैं।
* अंत में कुत्ते के बारे में एक बात और... वह यह कि कुत्ता पालने से लक्ष्मी आती है और कुत्ता घर के रोगी सदस्य की बीमारी अपने ऊपर ले लेता है।
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